Today is National Mathematics Day
(Birth D ay of Ramanujam),
See this Absolutely amazing Mathematics !
1 x 8 + 1 = 9
12 x 8 + 2 = 98
123 x 8 + 3 = 987
1234 x 8 + 4 = 9876
12345 x 8 + 5 = 98765
123456 x 8 + 6 = 987654
1234567 x 8 + 7 = 9876543
12345678 x 8 + 8 = 98765432
123456789 x 8 + 9 = 987654321
1 x 9 + 2 = 11
12 x 9 + 3 = 111
123 x 9 + 4 = 1111
1234 x 9 + 5 = 11111
12345 x 9 + 6 = 111111
123456 x 9 + 7 = 1111111
1234567 x 9 + 8 = 11111111
12345678 x 9 + 9 = 111111111
123456789 x 9 +10= 1111111111
9 x 9 + 7 = 88
98 x 9 + 6 = 888
987 x 9 + 5 = 8888
9876 x 9 + 4 = 88888
98765 x 9 + 3 = 888888
987654 x 9 + 2 = 8888888
9876543 x 9 + 1 = 88888888
98765432 x 9 + 0 = 888888888
Brilliant, isn't it?
And look at this symmetry :
1 x 1 = 1
11 x 11 = 121
111 x 111 = 12321
1111 x 1111 = 1234321
11111 x 11111 = 123454321
111111 x 111111 = 12345654321
1111111 x 1111111 = 1234567654321
11111111 x 11111111 = 123456787654321
111111111 x 111111111 = 12345678987654321
Brilliant isn't it?
Please Share This Wonderful Number Game with Friends.
Happy National Mathematics Day!!!!!
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For all mummys -----Beautiful poem
लेती नहीं दवाई मम्मी ,
जोड़े पाई-पाई मम्मी ।
दुःख थे पर्वत, राई मम्मी,
हारी नहीं लड़ाई मम्मी ।
इस दुनियां में सब मैले हैं,
किस दुनियां से आई मम्मी ।
दुनिया के सब रिश्ते ठंडे,
गरमागर्म रजाई मम्मी ।
जब भी कोई रिश्ता उधड़े,
करती है तुरपाई मम्मी ।
बाबू जी तनख़ा लाये बस,
लेकिन बरक़त लाई मम्मी ।
बाबूजी थे सख्त मगर ,
माखन और मलाई मम्मी ।
बाबूजी के पाँव दबा कर
सब तीरथ हो आई मम्मी ।
नाम सभी हैं गुड़ से मीठे,
मां जी, मैया, माई, मम्मी ।
सभी साड़ियाँ छीज गई थीं,
मगर नहीं कह पाई मम्मी ।
मम्मी से थोड़ी - थोड़ी,
सबने रोज़ चुराई मम्मी ।
घर में चूल्हे मत बाँटो रे,
देती रही दुहाई मम्मी ।
बाबूजी बीमार पड़े जब,
साथ-साथ मुरझाई मम्मी ।
रोती है लेकिन छुप-छुप कर,
बड़े सब्र की जाई मम्मी ।
लड़ते-लड़ते, सहते-सहते,
रह गई एक तिहाई मम्मी ।
बेटी की ससुराल रहे खुश,
सब ज़ेवर दे आई मम्मी ।
मम्मी से घर, घर लगता है,
घर में घुली, समाई मम्मी ।
बेटे की कुर्सी है ऊँची,
पर उसकी ऊँचाई मम्मी ।
दर्द बड़ा हो या छोटा हो,
याद हमेशा आई मम्मी ।
घर के शगुन सभी मम्मी से,
है घर की शहनाई मम्मी ।
सभी पराये हो जाते हैं,
होती नहीं पराई मम्मी ।.....
********************************************
Everything we hear is an opinion, not a fact;
Everything we see is a perspective, not the truth !!!
************************************
Most beautiful msg i hv read...
When BHAKTI enters FOOD,
FOOD becomes PRASAD,
When BHAKTI enters HUNGER,
HUNGER becomes a FAST,
When BHAKTI enters WATER,
WATER becomes CHARANAMRIT,
When BHAKTI enters TRAVEL,
TRAVEL becomes a PILGRIMAGE,
When BHAKTI enters MUSIC,
MUSIC becomes KIRTAN,
When BHAKTI enters a HOUSE,
HOUSE becomes a TEMPLE,
When BHAKTI enters ACTIONS,
ACTIONS become SERVICES,
When BHAKTI enters in WORK,
WORK becomes AkRARMA,
AND
When BHAKTI enters a human
MAN becomes a SAINT.
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(Birth D ay of Ramanujam),
See this Absolutely amazing Mathematics !
1 x 8 + 1 = 9
12 x 8 + 2 = 98
123 x 8 + 3 = 987
1234 x 8 + 4 = 9876
12345 x 8 + 5 = 98765
123456 x 8 + 6 = 987654
1234567 x 8 + 7 = 9876543
12345678 x 8 + 8 = 98765432
123456789 x 8 + 9 = 987654321
1 x 9 + 2 = 11
12 x 9 + 3 = 111
123 x 9 + 4 = 1111
1234 x 9 + 5 = 11111
12345 x 9 + 6 = 111111
123456 x 9 + 7 = 1111111
1234567 x 9 + 8 = 11111111
12345678 x 9 + 9 = 111111111
123456789 x 9 +10= 1111111111
9 x 9 + 7 = 88
98 x 9 + 6 = 888
987 x 9 + 5 = 8888
9876 x 9 + 4 = 88888
98765 x 9 + 3 = 888888
987654 x 9 + 2 = 8888888
9876543 x 9 + 1 = 88888888
98765432 x 9 + 0 = 888888888
Brilliant, isn't it?
And look at this symmetry :
1 x 1 = 1
11 x 11 = 121
111 x 111 = 12321
1111 x 1111 = 1234321
11111 x 11111 = 123454321
111111 x 111111 = 12345654321
1111111 x 1111111 = 1234567654321
11111111 x 11111111 = 123456787654321
111111111 x 111111111 = 12345678987654321
Brilliant isn't it?
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जोड़े पाई-पाई मम्मी ।
दुःख थे पर्वत, राई मम्मी,
हारी नहीं लड़ाई मम्मी ।
इस दुनियां में सब मैले हैं,
किस दुनियां से आई मम्मी ।
दुनिया के सब रिश्ते ठंडे,
गरमागर्म रजाई मम्मी ।
जब भी कोई रिश्ता उधड़े,
करती है तुरपाई मम्मी ।
बाबू जी तनख़ा लाये बस,
लेकिन बरक़त लाई मम्मी ।
बाबूजी थे सख्त मगर ,
माखन और मलाई मम्मी ।
बाबूजी के पाँव दबा कर
सब तीरथ हो आई मम्मी ।
नाम सभी हैं गुड़ से मीठे,
मां जी, मैया, माई, मम्मी ।
सभी साड़ियाँ छीज गई थीं,
मगर नहीं कह पाई मम्मी ।
मम्मी से थोड़ी - थोड़ी,
सबने रोज़ चुराई मम्मी ।
घर में चूल्हे मत बाँटो रे,
देती रही दुहाई मम्मी ।
बाबूजी बीमार पड़े जब,
साथ-साथ मुरझाई मम्मी ।
रोती है लेकिन छुप-छुप कर,
बड़े सब्र की जाई मम्मी ।
लड़ते-लड़ते, सहते-सहते,
रह गई एक तिहाई मम्मी ।
बेटी की ससुराल रहे खुश,
सब ज़ेवर दे आई मम्मी ।
मम्मी से घर, घर लगता है,
घर में घुली, समाई मम्मी ।
बेटे की कुर्सी है ऊँची,
पर उसकी ऊँचाई मम्मी ।
दर्द बड़ा हो या छोटा हो,
याद हमेशा आई मम्मी ।
घर के शगुन सभी मम्मी से,
है घर की शहनाई मम्मी ।
सभी पराये हो जाते हैं,
होती नहीं पराई मम्मी ।.....
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Everything we hear is an opinion, not a fact;
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FOOD becomes PRASAD,
When BHAKTI enters HUNGER,
HUNGER becomes a FAST,
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WATER becomes CHARANAMRIT,
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TRAVEL becomes a PILGRIMAGE,
When BHAKTI enters MUSIC,
MUSIC becomes KIRTAN,
When BHAKTI enters a HOUSE,
HOUSE becomes a TEMPLE,
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ACTIONS become SERVICES,
When BHAKTI enters in WORK,
WORK becomes AkRARMA,
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When BHAKTI enters a human
MAN becomes a SAINT.
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