Friday, October 30, 2015

30-10-2015 (II)

Today is National Mathematics Day
(Birth D ay of Ramanujam),

See this Absolutely amazing Mathematics !

1 x 8 + 1 = 9
12 x 8 + 2 = 98
123 x 8 + 3 = 987
1234 x 8 + 4 = 9876
12345 x 8 + 5 = 98765
123456 x 8 + 6 = 987654
1234567 x 8 + 7 = 9876543
12345678 x 8 + 8 = 98765432
123456789 x 8 + 9 = 987654321

1 x 9 + 2 = 11
12 x 9 + 3 = 111
123 x 9 + 4 = 1111
1234 x 9 + 5 = 11111
12345 x 9 + 6 = 111111
123456 x 9 + 7 = 1111111
1234567 x 9 + 8 = 11111111
12345678 x 9 + 9 = 111111111
123456789 x 9 +10= 1111111111

9 x 9 + 7 = 88
98 x 9 + 6 = 888
987 x 9 + 5 = 8888
9876 x 9 + 4 = 88888
98765 x 9 + 3 = 888888
987654 x 9 + 2 = 8888888
9876543 x 9 + 1 = 88888888
98765432 x 9 + 0 = 888888888

Brilliant, isn't it?

And look at this symmetry :
1 x 1 = 1
11 x 11 = 121
111 x 111 = 12321
1111 x 1111 = 1234321
11111 x 11111 = 123454321
111111 x 111111 = 12345654321
1111111 x 1111111 = 1234567654321
11111111 x 11111111 = 123456787654321
111111111 x 111111111 = 12345678987654321

Brilliant isn't it?

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Happy National Mathematics Day!!!!!
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For all mummys -----Beautiful poem

   लेती नहीं दवाई मम्मी ,
जोड़े पाई-पाई मम्मी ।

दुःख थे पर्वत, राई मम्मी,
हारी नहीं लड़ाई मम्मी ।

इस दुनियां में सब मैले हैं,
किस दुनियां से आई मम्मी ।


दुनिया के सब रिश्ते ठंडे,
गरमागर्म रजाई मम्मी ।

जब भी कोई रिश्ता उधड़े,
करती है तुरपाई मम्मी ।

बाबू जी तनख़ा लाये बस,
लेकिन बरक़त लाई मम्मी ।

बाबूजी थे सख्त मगर ,
माखन और मलाई मम्मी ।

बाबूजी के पाँव दबा कर
सब तीरथ हो आई मम्मी ।

नाम सभी हैं गुड़ से मीठे,
मां जी, मैया, माई, मम्मी ।

सभी साड़ियाँ छीज गई थीं,
मगर नहीं कह पाई मम्मी ।

मम्मी से थोड़ी - थोड़ी,
सबने रोज़ चुराई मम्मी ।

घर में चूल्हे मत बाँटो रे,
देती रही दुहाई मम्मी ।

बाबूजी बीमार पड़े जब,
साथ-साथ मुरझाई मम्मी ।

रोती है लेकिन छुप-छुप कर,
बड़े सब्र की जाई मम्मी ।

लड़ते-लड़ते, सहते-सहते,
रह गई एक तिहाई मम्मी ।

बेटी की ससुराल रहे खुश,
सब ज़ेवर दे आई मम्मी ।

मम्मी से घर, घर लगता है,
घर में घुली, समाई मम्मी ।

बेटे की कुर्सी है ऊँची,
पर उसकी ऊँचाई मम्मी ।

दर्द बड़ा हो या छोटा हो,
याद हमेशा आई मम्मी ।

घर के शगुन सभी मम्मी से,
है घर की शहनाई मम्मी ।

सभी पराये हो जाते हैं,
होती नहीं पराई मम्मी ।.....  

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Everything we hear is an opinion, not a fact;
Everything we see is a perspective, not the truth !!!
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Most beautiful msg i hv read...

When BHAKTI enters FOOD,
FOOD becomes PRASAD,

When BHAKTI enters HUNGER,
HUNGER becomes a FAST,

When BHAKTI enters WATER,
WATER becomes CHARANAMRIT,

When BHAKTI enters TRAVEL,
TRAVEL becomes a PILGRIMAGE,

When BHAKTI enters MUSIC,
MUSIC becomes KIRTAN,

When BHAKTI enters a HOUSE,
HOUSE becomes a TEMPLE,

When BHAKTI enters ACTIONS,
ACTIONS become SERVICES,

When BHAKTI enters in WORK,
WORK becomes AkRARMA,

AND

When BHAKTI enters a human

MAN becomes a SAINT.

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