Monday, December 28, 2015

28-12-2015

सबकी जिंदगी बदल गयी
एक नए सिरे में ढल गयी

कोई gilfriend में busy है
कोई बीवी के पीछे crazy हैं

किसी को नौकरी से फुरसत नही
किसी को दोस्तों की जरुरत नही

कोई पढने में डूबा है तो
किसी की दो दो महबूबा हैं

सारे यार गुम हो गये हैं
तू से आप और तुम हो गये है

कोई hello बोल कर
formality करता हैं
कोई बात न करने के लिए
 guilty करता हैं

वक़्त वक़्त की बात हैं
किसी ने number save किया

किसी ने अजनबी सा
behave किया

माना के अब हम साथ नही है
पर चुप चुप रहने की भी
कोई बात तो नही हैं

कभी मिलो तो बोल लिया करो
बंद गांठो को खोल लिया करो

शिकायत हो तो दूर करो यारो
पर  एक दुसरे से
दुर तो न रहो ..

इस दोस्ती  को यूंही
बनाये रखना;
दिल में यादों के चिराग
जलाये रfखना;

बहुत प्यारा सफ़र रहा
साल 2015 का;
 अपना साथ 2016 में भी
बनाये रखना...
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A wise lawyer yesterday argued in Supreme Court that if
physical relation with wife, without her consent is termed as rape
Then.......
Shopping without husband's consent should b termed as Robbery.....
The judge is still trying to study law again.

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------------सदबुद्धि  दे -----
                   कवि युगराज जैन
फैशन के अंधों  को आँखे दो भगवान,
तीर्थों को ये समझते पिकनिक स्थान
मेकअप कर मंदिर जाते कैसे ये नादान ,
और पहन भी लेते है ये कामुक परिधान ,
गुटखा सिगरेट संग ले जाते मुर्ख इंसान ,
फोन पर भी बतियाते समझ खेल मैदान
सिल्क वस्त्र पहन धर्मस्थल पर  जाते,
मंत्रोच्चार करते भी ध्यान कहीं  भटकाते,
अरे अज्ञानियों अब भी वक्त है जागो ,
तीर्थ स्थानों पर तो भौतिकता त्यागो ,
प्रभु से तुम्हें सच्ची प्रीत लगानी है ,?
या मात्र औपचारिकता ही  निभानी है?
विकारों की कारा ऐसे तो नहीं टूटेगी ,
ऐसा करोगे तो क़िस्मत अधिक रूठेगी ,
जब समय निकालकर जाते ही हो ,
तो उतने पल तो प्रभु के संग जीओ ,
भाईओ बहनो मन को रखो शुद्ध ,
वरना कभी नहीं जीतोगे कर्मों का युद्ध।
कवि युगराज जैन
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वाह रे मानव तेरा स्वभाव....

।। लाश को हाथ लगाता है तो नहाता है ...
पर बेजुबान जीव को मार के खाता है ।।

यह मंदिर-मस्ज़िद भी क्या गजब की जगह है दोस्तो.
जंहा गरीब बाहर और अमीर अंदर 'भीख' मांगता है..
 😔विचित्र दुनिया का कठोर सत्य..👌👌

          बारात मे दुल्हे सबसे पीछे
            और दुनिया  आगे चलती है,
         मय्यत मे जनाजा आगे
           और दुनिया पीछे चलती है..

           यानि दुनिया खुशी मे आगे
          और दुख मे पीछे हो जाती है..!

अजब तेरी दुनिया
गज़ब तेरा खेल

मोमबत्ती जलाकर मुर्दों को याद करना
और मोमबत्ती बुझाकर जन्मदिन मनाना...
वेद वर्धन सिंह
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This is one of the best messages I received  ......

1. No matter how beautiful and handsome you are, just remember Baboon and Gorillas also attract tourists.
***Stop Boasting.

2. No matter how big and strong you are, you will not carry yourself to your Grave.
***Be Humble!

3. No matter how tall you are, you can never see tomorrow.
***Be Patient!

4. No matter how Light Skinned you are, you will always need light in Darkness.
***Take Caution!

5. No matter how Rich and many Cars you have, you will always walk to Bed.
***Be Contented!

Take Life Easy
 Life is "Exp. + Exp. + Exp."
Yesterday was Experience.
Today is Experiment.
Tomorrow is Expectation.
So, use your Experience in your Experiment to achieve your Expectations.
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हम लोग,
जो 1947. से  1987
 के बीच जन्में  है,
 हमें विशेष आशीर्वाद प्राप्त हैँ

....और ऐसा भी नही कि
 आधुनिक संसाधनों से
हमें कोई परहेज है......!!!

         लेकिन.....

👍     हमें कभी भी
जानवरों की तरह किताबों को
बोझ की तरह ढो कर स्कूल
नही ले जाना पड़ा ।

👌हमारें माता- पिता को
 हमारी पढाई को लेकर
कभी अपने programs
आगे पीछे नही करने पड़ते थे...!

👍    स्कूल के बाद हम
देर सूरज डूबने तक खेलते थे  

👍    हम अपने
real दोस्तों के साथ खेलते थे;
net फ्रेंड्स के साथ नही ।


👍     जब भी हम प्यासे होते थे
तो नल से पानी पीना
safe होता था और
हमने कभी mineral water bottle को नही ढूँढा ।


👍     हम कभी भी चार लोग
गन्ने का जूस उसी गिलास से ही
पी करके भी बीमार नही पड़े ।


👍     हम एक प्लेट मिठाई
और चावल रोज़ खाकर भी
मोटे नही हुए ।


👍     नंगे पैर घूमने के बाद भी
 हमारे पैरों को कुछ नही होता था ।


👍     हमें healthy रहने
के लिए  Supplements नही
लेने पड़ते थे ।

👍     हम कभी कभी अपने खिलोने
खुद बना कर भी खेलते थे ।

👍     हम ज्यादातर अपने parents के साथ या  grand- parents के पास ही रहे ।


👌हम अक्सर 4/6 भाई बहन
एक जैसे कपड़े पहनना
शान समझते थे.....
common. वाली नही
एकतावाली  feelings ...
enjoy करते थे......!


👍     हम डॉक्टर के पास
नहीं जाते थे,
पर डॉक्टर हमारे पास आते थे
हमारे ज़्यादा बीमार होने पर ।


👍     हमारे पास
न तो Mobile,  DVD's,
PlayStation, Xboxes,
PC, Internet, chatting,
क्योंकि
हमारे पास real दोस्त थे ।


👍     हम दोस्तों के घर
 बिना बताये जाकर
मजे करते थे और
उनके साथ खाने के
मजे लेते थे।
कभी उन्हें कॉल करके
appointment नही लेना पड़ा ।


👍     हम एक अदभुत और
सबसे समझदार पीढ़ी है क्योंकि
हम अंतिम पीढ़ी हैं जो की
अपने parents की सुनते हैं...
और
साथ ही पहली पीढ़ी
जो की
अपने बच्चों की सुनते हैं ।


We are not special,
but.
We are
LIMITED EDITION
and we are enjoying the
Generation                   Gap......
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