Wednesday, May 31, 2017

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(#पाकिस्तान पर कविता)

अंधों को दर्पण क्या देना,
बहरों को भजन सुनाना क्या,

जो रक्त पान करते उनको,
गंगा का नीर पिलाना क्या,

हमने जिनको दो आँखे दीं,
वो हमको आँख दिखा बैठे,

हम शांति यज्ञ में लगे रहे,
वो श्वेत कबूतर खा बैठे,

वो छल पे छल करता आया,
हम अड़े रहे विश्वासों पर,

कितने समझौते थोप दिए,
हमने बेटों की लाशों पर,

अब लाशें भी यह बोल उठीं,
मत अंतर्मन पर घात करो,

दुश्मन जो भाषा समझ सके,
अब उस भाषा में बात करो,

वो झाडी है,हम बरगद हैं,
वो  है बबूल हम चन्दन हैं,

वो है जमात गीदड़ वाली,
हम सिंहों का अभिनन्दन हैं,

ऐ पाक तुम्हारी धमकी से,
यह धरा नही डरने वाली,

यह अमर सनातन माटी है,
ये कभी नही मरने वाली,

तुम भूल गए सन अड़तालिस,
पैदा होते ही अकड़े थे,

हम उन कबायली बकरों
की गर्दन हाथों से पकडे थे,

तुम भूल गए सन पैसठ को,
तुमने पंगा कर डाला था,

छोटे से लाल बहादुर ने
तुमको नंगा कर डाला था,

तुम भूले सन इकहत्तर को,
जब तुम ढाका पर ऐंठे थे,

नब्बे हजार पाकिस्तानी,
घुटनो के बल पर बैठे थे,

तुम भूल गए करगिल का रण,
हिमगिरि पर लिखी कहानी थी

इस्लामाबादी गुंडों को जब
बेटा याद दिलाई नानी थी,

तुम सारी दुर्गति भूल गए,
फिर से बवाल कर बैठे हो,

है उत्तर खुद के पास नही
हमसे सवाल कर बैठे हो,

बिगड़ैल किसी बच्चे जैसे
आलाप तुम्हारे लगते हैं,

तुम भूल गए हो रिश्ते में
हम बाप तुम्हारे लगते हैं,

बेटा पिटने का आदी है,
बेटा पक्का जेहादी है,

शायद बेटे की किस्मत में,
बर्बादी ही बर्बादी है,

तेरी बर्बादी में खुद को,
बर्बाद नही होने देंगे,

हम #भारत माँ के सीने पर
जेहाद नही होने देंगे,

तू रख हथियार उधारी के,
हम अपने दम से लड़ लेंगे,
गर एटम बम से लड़ना हो
तो एटम बम से लड़ लेंगे,

जब तक तू बटन दबायेगा,
हम पृथ्वी नाग चला देंगे,

तू जब तक #दिल्ली ढूंढेगा,
हम पूरा पाक जला देंगे,
 (भाइयों ये रुखना नही चाहिए )
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Why CA exam is considered to be very difficult with very few passing out percentage wise each year
Read below a simple example which has one of the most complex answers

MUST READ!!!!

Diff. Between CA nd B.Com

B.Com:
Question: How many balls are there in an over?

Answer: 6

Full Marks

If this were a CA exam question

The answer would be WRONG and the examiner’s comment in the suggested answers would be

“Most of the students answered the questions. However, students have not understood the questions correctly. Answer points to a lack of in-depth understanding and conceptual clarity on the subject. "Correct answer is 1 ball which is delivered 6 times....
😆😆😆
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तेरी बुराइयों को हर अख़बार कहता है,
और तू मेरे गांव को गँवार कहता है //
ऐ शहर मुझे तेरी औक़ात पता है //
तू चुल्लू भर पानी को भी वाटर पार्क कहता है //
थक गया है हर शख़्स काम करते करते //
तू इसे अमीरी का बाज़ार कहता है।
गांव चलो वक्त ही वक्त है सबके पास !!
तेरी सारी फ़ुर्सत तेरा इतवार कहता है //
मौन होकर फोन पर रिश्ते निभाए जा रहे हैं //
तू इस मशीनी दौर को परिवार कहता है //
जिनकी सेवा में खपा देते थे जीवन सारा,
तू उन माँ बाप को अब भार कहता है //
वो मिलने आते थे तो कलेजा साथ लाते थे,
तू दस्तूर निभाने को रिश्तेदार कहता है //
बड़े-बड़े मसले हल करती थी पंचायतें //
तु अंधी भ्रष्ट दलीलों को दरबार कहता है //
बैठ जाते थे अपने पराये सब बैलगाडी में //
पूरा परिवार भी न बैठ पाये उसे तू कार कहता है //
अब बच्चे भी बड़ों का अदब भूल बैठे हैं //
तू इस नये दौर को संस्कार कहता है *....
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આંગણું દે આવકારો, ઘર મને એવું ગમે,
બારણાં બોલેઃ ‘પધારો’, ઘર મને એવું ગમે.

હો પગરખાંનો પથારો, ઘર મને એવું ગમે,
હોય જે ઘરને ઘસારો, ઘર મને એવું ગમે.

કાયમી જ્યાં છમ્મલીલાં લાગણીનાં ઝાડ હો,
કાયમી જ્યાં હો બહારો, ઘર મને એવું ગમે.

નીંદની ચાદર હટાવે, ઝાડવાંના કલરવો,
હો સુગંધી જ્યાં સવારો, ઘર મને એવું ગમે.

જે ઘરે લાગે અજાણ્યાનેય પણ પોતાપણું,
લોક ચાહે જ્યાં ઉતારો, ઘર મને એવું ગમે.

થાકનો ભારો ઉતારે, કોઈ આવી ડેલીએ,
સાંપડે જ્યાં હાશકારો, ઘર મને એવું ગમે.

મંદીરો જેવું પરમ સુખ, સાંપડે જ્યાં જીવને,
જ્યાં રહે ચડતો સીતારો, ઘર મને એવું ગમે....
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Hello! Good morning. Good Day. 😊🌹

લાંબો પથ ને રસ્તા કાચા,
એક મુસાફર, લાખ લબાચા !!

પારંપારિક સૌના ઢાંચા
સૌ માને છે પોતે સાચા

મનગમતા છે સાવ નકામા
અણગમતા રસ્તાઓ સાચા .

એક જ અર્થ મહાભારતનો ;
શ્યામ વગર સૌ સાધન ટાંચા !

ક્યાંય સટાક ના સંભળાયે
કુદરતના છે મૌન તમાચા .

આવ ! હવે ખુલ્લામાં  ' કાયમ '
છોડ ! હવે  તો  ખૂણા  ખાંચા .

- કાયમ હજારી
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