| ..........माँ बहुत झूठ बोलती है............ | |||||||||||
| सुबह जल्दी जगाने को, सात बजे को आठ कहती है। | |||||||||||
| नहा लो, नहा लो, के घर में नारे बुलंद करती है। | |||||||||||
| मेरी खराब तबियत का दोष बुरी नज़र पर मढ़ती है। | |||||||||||
| छोटी छोटी परेशानियों पर बड़ा बवंडर करती है। | |||||||||||
| ..........माँ बहुत झूठ बोलती है।। | |||||||||||
| थाल भर खिलाकर, तेरी भूख मर गयी कहती है। | |||||||||||
| जो मैं न रहूँ घर पे तो, मेरी पसंद की कोई चीज़ रसोई में उससे नहीं पकती है। | |||||||||||
| मेरे मोटापे को भी, कमजोरी की सूजन बोलती है। | |||||||||||
| .........माँ बहुत झूठ बोलती है।। | |||||||||||
| दो ही रोटी रखी है रास्ते के लिए, बोल कर, | |||||||||||
| मेरे साथ दस लोगों का खाना रख देती है। | |||||||||||
| कुछ नहीं-कुछ नहीं बोल, नजर बचा बैग में, छिपी शीशी अचार की बाद में निकलती है। | |||||||||||
| .........माँ बहुत झूठ बोलती है।। | |||||||||||
| टोका टाकी से जो मैं झुँझला जाऊँ कभी तो, | |||||||||||
| समझदार हो, अब न कुछ बोलूँगी मैं, | |||||||||||
| ऐंसा अक्सर बोलकर वो रूठती है। | |||||||||||
| अगले ही पल फिर चिंता में हिदायती हो जाती है। | |||||||||||
| .........माँ बहुत झूठ बोलती है।। | |||||||||||
| तीन घंटे मैं थियटर में ना बैठ पाऊँगी, | |||||||||||
| सारी फ़िल्में तो टी वी पे आ जाती हैं, | |||||||||||
| बाहर का तेल मसाला तबियत खराब करता है, | |||||||||||
| बहानों से अपने पर होने वाले खर्च टालती है। | |||||||||||
| ..........माँ बहुत झूठ बोलती है।। | |||||||||||
| मेरी उपलब्धियों को बढ़ा चढ़ा कर बताती है। | |||||||||||
| सारी खामियों को सब से छिपा लिया करती है। | |||||||||||
| उसके व्रत, नारियल, धागे, फेरे, सब मेरे नाम, | |||||||||||
| तारीफ़ ज़माने में कर बहुत शर्मिंदा करती है। | |||||||||||
| ..........माँ बहुत झूठ बोलती है।। | |||||||||||
| भूल भी जाऊँ दुनिया भर के कामों में उलझ, | |||||||||||
| उसकी दुनिया में वो मुझे कब भूलती है। | |||||||||||
| मुझ सा सुंदर उसे दुनिया में ना कोई दिखे, | |||||||||||
| मेरी चिंता में अपने सुख भी किनारे कर देती है। | |||||||||||
| ..........माँ बहुत झूठ बोलती है।। | |||||||||||
| उसके फैलाए सामानों में से जो एक उठा लूँ | |||||||||||
| खुश होती जैसे, खुद पर उपकार समझती है। | |||||||||||
| मेरी छोटी सी नाकामयाबी पे उदास होकर, | |||||||||||
| सोच सोच अपनी तबियत खराब करती है। | |||||||||||
| ..........माँ बहुत झूठ बोलती है।। | |||||||||||
| हर माँ को समर्पित | |||||||||||
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| बड़ा होके बेटा जब माके प्यारको भूल कर बीबीके पीछे पागल होता है तब माँ क्या कहती है ?सुनिए | |||||||||||
| राज्यस्तरीय काव्यस्पर्धा में प्रथम क्रमांक प्राप्त मराठी कविता का हिंदी रूपांतर ) | |||||||||||
| शरीर में रौंगटे खड़े कर देने वाली कविता | |||||||||||
| 🌺"माँ की इच्छा"🌺 | |||||||||||
| महीने बीत जाते हैं | |||||||||||
| साल गुजर जाता है | |||||||||||
| वृद्धाश्रम की सीढ़ियों पर | |||||||||||
| मैं तेरी राह देखती हूँ। | |||||||||||
| आँचल भीग जाता है | |||||||||||
| मन खाली खाली रहता है | |||||||||||
| तू कभी नहीं आता | |||||||||||
| तेरा मनि आर्डर आता है। | |||||||||||
| इस बार पैसे न भेज | |||||||||||
| तू खुद आ जा | |||||||||||
| बेटा मुझे अपने साथ | |||||||||||
| अपने घर लेकर जा। | |||||||||||
| तेरे पापा थे जबतक | |||||||||||
| समय ठीक रहा कटते | |||||||||||
| खुली आँखों से चले गए | |||||||||||
| तुझे याद करते करते। | |||||||||||
| अंत तक तुझको हर दिन | |||||||||||
| बढ़िया बेटा कहते थे | |||||||||||
| तेरे साहबपन का | |||||||||||
| गुमान बहुत वो करते थे। | |||||||||||
| मेरे ह्रदय में अपनी फोटो | |||||||||||
| आकर तू देख जा | |||||||||||
| बेटा मुझे अपने साथ | |||||||||||
| अपने घर लेकर जा। | |||||||||||
| अकाल के समय | |||||||||||
| जन्म तेरा हुआ था | |||||||||||
| तेरे दूध के लिए | |||||||||||
| हमने चाय पीना छोड़ा था। | |||||||||||
| वर्षों तक एक कपडे को | |||||||||||
| धो धो कर पहना हमने | |||||||||||
| पापा ने चिथड़े पहने | |||||||||||
| पर तुझे स्कूल भेजा हमने। | |||||||||||
| चाहे तो ये सारी बातें | |||||||||||
| आसानी से तू भूल जा | |||||||||||
| बेटा मुझे अपने साथ | |||||||||||
| अपने घर लेकर जा। | |||||||||||
| घर के बर्तन मैं माँजूंगी | |||||||||||
| झाडू पोछा मैं करूंगी | |||||||||||
| खाना दोनों वक्त का | |||||||||||
| सबके लिए बना दूँगी। | |||||||||||
| नाती नातिन की देखभाल | |||||||||||
| अच्छी तरह करूंगी मैं | |||||||||||
| घबरा मत, उनकी दादी हूँ | |||||||||||
| ऐंसा नहीं कहूँगी मैं। | |||||||||||
| तेरे घर की नौकरानी | |||||||||||
| ही समझ मुझे ले जा | |||||||||||
| बेटा मुझे अपने साथ | |||||||||||
| अपने घर लेकर जा। | |||||||||||
| आँखें मेरी थक गईं | |||||||||||
| प्राण अधर में अटका है | |||||||||||
| तेरे बिना जीवन जीना | |||||||||||
| अब मुश्किल लगता है। | |||||||||||
| कैसे मैं तुझे भुला दूँ | |||||||||||
| तुझसे तो मैं माँ हुई | |||||||||||
| बता ऐ मेरे कुलभूषण | |||||||||||
| अनाथ मैं कैसे हुई ? | |||||||||||
| अब आ जा तू मेरी कब्र पर | |||||||||||
| एक बार तो माँ कह जा | |||||||||||
| हो सके तो जाते जाते | |||||||||||
| वृद्धाश्रम गिराता जा। | |||||||||||
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