Saturday, January 16, 2016

16-01-2016

: दर्द बेचते है हम यहां
लफ़्ज़ों में ढालकर,
अगर चोट पहुँचे तो
गुस्ताखी माफ़ किजिए ।.✍
╲\╭┓
╭☆ ╯ 🌹🌹: खलता है पर....
           सब कुछ चलता है....

१० रू का मुठठी भर Chips
बडे चाव से खाते मेरे Lips
.
११०० रू किलो माणिक चंद
चलता है..

पर १० रू किलो टमाटर
                      खलता है....

Weekend पर Hotel मे
खाना,
Multiplex मे Movie जाना,

१० का Popcorn 80 मे
                  वहाँ चलता है....

पर कामवाली १० रू Extra
मांगे,
                        खलता है...

Whatsapp पर Chat
इन्टरनेट का पैक,
             लग गयी घंटो वाट..

सौ-सौ Friends के साथ
Online याराना चलता है,

पर दो मिनट पड़ोसी के साथ
                हँसना खलता है..

यारो संग हो इकठ्ठा,
Cricket मे हारा कितना
सट्टा..

Share Market मे लाखो का
हेर-फेर चलता है..

पर भाई को दो इंच जमीन
       Extra जाये खलता है...

समझ बड़ी दयनीय
और
विचार हो गए मतलबी..

कहाँ रह गया वो इन्सानी रिश्ता
बस यूँ ही चलता है..
माचिस की जरूरत ही नहीं यहाँ पर
भाई सेे भाई जलता है..
           सब कुछ चलता है...        
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TRAGEDY OF OUR MARKETS :
1) EVERYTHING IS GOOD, CHINA CREATES A PROBLEM .

2) IF CHINA IS GOOD, EUROPE CREATES PROBLEM

3)IF  EUROPE IS GOOD, CRUDE CREATES A PROBLEM

4) IF CRUDE IS GOOD, DOLLAR CREATES A PROBLEM.                                                          

BUT OUR INDIAN MKTS NEVER CREATE A PROBLEM FOR OTHERS.                                             
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गाँव के कुएँ पर 3 महिलाएँ पानी भर रही थीं।

तभी एक महिला का बेटा वहाँ से गुजरा।
उसकी माँ बोली---" वो देखो, मेरा बेटा,
                             इंग्लिश मीडियम में है। "

थोड़ी देर बाद दूसरी महिला का पुत्र गुजरा।
उसकी माँ बोली---" वो देखो मेरा बेटा,
                             सीबीएसई में है। "

तभी तीसरी महिला का पुत्र वहाँ से गुजरा,
दुसरे बेटों की तरह ही उसने भी अपनी माँ को देखा
और माँ के पास आया।
पानी से भरी गघरी उठाकर उसने अपने कंधे पर रखी,
दुसरे हाँथ में भरी हुई बाल्टी सम्हाली और
माँ से बोला---" चल माँ, घर चल। "

उसकी माँ बोली---" ये सरकारी स्कूल में पढता है। "
उस माँ के चेहरे का आनंद देख बाकी दूसरी
दो महिलाओं की नजरें झुक गईं।

उपरोक्त कथा का तात्पर्य सिर्फ यही है कि,
लाखों रुपए खर्च करके भी संस्कार नहीं खरीदे
जा सकते...!!

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