Wednesday, August 5, 2015

04-08-2015

આજકાલ બધું જ બદલાઈ રહ્યું છે...

અને ઝડપભેર બદલાઈ રહ્યું છે...

પરિવર્તનની ઝડપને કારણે અક્કલ બહેર મારી જાય તેવું પણ થાય છે..
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‘આ દુનિયા હવે પહેલા જેવી રહી નથી’
*
છાશ પીવાનું ઘટતું જાય છે અને
બિયર પીવાનું વધતું જાય છે.
ગોળપાપડી ખાવાનું ઘટતું જાય છે અને ચોકલેટ ખાવાનું વધતું જાય છે.
ગાય પાળવાનું ઘટતું જાય છે અને
કૂતરા પાળવાનું વધતું જાય છે.
વિચારવાનું ઘટતું જાય છે અને ટીવી જોયા કરવાનું વધતું જાય છે.
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લોહીની સગાઈની અને લગ્નસંબંધની બોલબાલા ઘટતી જાય છે.
અને મનમેળના માનપાન વધતાં જાય છે.
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માબાપની કડકાઈ ઘટતી જાય છે અને સંતાનોની જોહુકમી વધતી જાય છે.
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ભાખરીની જગ્યાએ બ્રેડ અને ઢેબરાની જગ્યાએ પિઝાનું ચલણ વધતું જાય છે.
લીંબુનું શરબત એકાએક લિમકા બની જાય છે.
*
યુગલ હોય એવા કપ–રકાબીની જગ્યાએ
વાંઢો ‘મગ’ આવી જાય છે.
ઘરે ઘરે ગૃહિણીઓ કહેતી થઈ છેઃ
‘આજે બહાર જમી આવીએ.’
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નવી પેઢીને ઓરડો છોડતી વખતે સ્વિચ ઓફ કરવાની ટેવ નથી.
કેટલાક ઘરોમાં ઉંમરલાયક વડીલ સતત સ્વિચ ઓફ કરતા જ રહે છે.
બાથરૂમમાં દિવસે પૂરતું અજવાળું હોય તોય લાઈટ ચાલુ કરીને સ્નાન કરવાનું નવી પેઢીને ગમે છે.
ઓછા પાવરનો બલ્બ એમને બિલકુલ ગમતો નથી.
શિયાળામાં પણ ફ્રીજનું ઠંડુ પાણી પીવાનું એમને ગમે છે.
શિયાળામાં પણ પંખો ચાલુ રાખીને સૂઈ જવાનું વ્યસન કેળવાતું જાય છે.
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પૈસા વધારે ખર્ચાઈ જાય તે અંગેની યુવાનોની લાપરવાહી વડિલોને અકળાવે છે.
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જમાઈઓ દીકરા જેવા થતા જાય છે અને દીકરાઓ જમાઈ જેવા થતા જાય છે.
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સરતિ ઈતિ સંસારઃ
જે સરતો રહે છે તેનું જ નામ સંસાર.
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ન માની લે
જીવન મારું મહેકે તો મને અત્તર ન માની લે
નિહાળી મન મારું મોટું,મને સાગર ન માની લે
હંમેશા ફૂલ જેવા થઇ નથી જીવતું આ જગમાં
સખત બનવું પડેછે મારે,તો તું પત્થર ન માની લે,

તમારી પારખું દ્રષ્ટિનું પણ છે પારખું આજે
હું પાણીદાર મોતીછું,મને કંકર ન માની લે,
કર્યુ છેડોકિયું તે ક્યાં કદી મુજ શ્યામ ભીતરમાં?
હું જો દેખાઉં સુંદર તો મને સુંદર ન માની લે,
જે હૈયે હોય છે તેને, ન હોઠે આવવા દઉં છું.
મધુર મારા વચનને તારો તું આદર માની લે,
કહ્યું માનું છું ડાહ્યાનું - વખત વરતી ને ચાલું છું,
જો બેસું સમસમીને તો, મને કાયર ન માની લે,
કૃપાથી એની,ધારું તો હું જ કિસ્મત વાંચી દઉં,
પરંતુ ડર છે મુજને ક્યાંક,તું મને ઈશ્વર ન માની લે.
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जो हिंदू इस घमंड मे जी रहे है कि अरबो सालो से
सनातन धर्म है और इसे कोई नही मिटा सकता, मै उन्हें
मुर्ख और बेवकूफ ही समझता हूँ..
आखिर अफगानीस्तान से हिंदू क्यों मिट गया?
काबुल जो भगवान राम के पुत्र कुश का बनाया शहर
था, आज वहाँ एक भी मंदिर नही बचा !
गांधार जिसका विवरण महाभारत मे है,
जहां की रानी गांधारी थी, आज उसका नाम कंधार
हो चूका है, और वहाँ आज एक भी हिंदू नही बचा !
कम्बोडिया जहां राजा सूर्य देव बर्मन ने
दुनिया का सबसे बड़ा मंदिर अंकोरवाट बनाया, आज
वहाँ भी हिंदू नही है !
बाली द्वीप मे 20 साल पहले तक 90% हिंदू थे, आज
सिर्फ 20% बचे है !
कश्मीर घाटी मे सिर्फ 20 साल पहले 50% हिंदू थे,
आज एक भी हिंदू नही बचा !
केरल मे 10 साल पहले तक 60% जनसंख्या हिन्दुओ
की थी, आज सिर्फ 10% हिंदू केरल मे है !
नोर्थ ईस्ट जैसे सिक्किम, नागालैंड, आसाम आदि मे
हिंदू हर रोज मारे या भगाए जाते है,
या उनका धर्मपरिवर्तन हो रहा है !
मित्रों, 1569 तक ईरान का नाम पारस
या पर्शिया होता था और वहाँ एक भी मुस्लिम
नही था, सिर्फ पारसी रहते थे.. जब पारस पर
मुस्लिमो का आक्रमण होता था, तब पारसी बूढ़े-
बुजुर्ग अपने नौजवान को यही सिखाते थे की हमे कोई
मिटा नही सकता, लेकिन ईरान से सारे के सारे
पारसी मिटा दिये गए.
धीरे-धीरे उनका कत्लेआम और धर्म-परिवर्तन
होता रहा. एक नाव मे बैठकर 21 पारसी किसी तरह
गुजरात के नवसारी जिले के उद्वावाडा गांव मे पहुचे
और आज पारसी सिर्फ भारत मे
ही गिनती की संख्या मे बचे है.
हमेशा शांति की भीख मांगने वाले हिन्दुओं... आजतक
के इतिहास का सबसे बड़ा संकट हिन्दुओं पर आने
वाला है, ईसाईयों के 80 देश और मुस्लिमो के 56 देश है,
और हिन्दुओं का एकमात्र देश भारत ही अब हिन्दुओं के
लिए सुरक्षित नहीं रहा.
मैंने 10 लोगो को जो की हिन्दू है उनसे पुछा.......
किस जाती के हो.....??
सभी ने अलग अलग जवाब दिया....
किसी ने कहा राजपूत
किसी ने कहा बामण
किसी ने कहा जाट
सब अलग अलग
किसी ने जैन
तो किसी ने अग्रवाल....
लेकीन मैने 10 मुसलमानो को पूछा की कौन
सी जाती के हो ?
सभी का एक जवाब आया
"मुसलमान"
मूझे अजीब लगा
मैने फिर से पूछा
फिर वही जवाब आया
"मुसलमान"
तब मुझे बड़ा अफसोस हुआ
और लगा हम कीतने अलग
और वो कितने एक ... ...
कुछ समझ मै आया हो तो
आगे से कोई पूछे तो एक ही
जवाब आना चाहीये
🚩॥ हिन्दू ॥🚩
और गर्व करते हो
" हिन्दू " होने का तो इस मैसेज को इतना फैला दो यह
मैसेज मूझे वापस किसी हिन्दू से ही मिले ....!
पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट में
एक मुस्लिम भाई ने
जनहित याचिका डाली थी कि :::
""पड़ोसी मुल्क में हज करने के लिए सब्सिडी मिलती है तो हमें भी मिलनी चाहिए.""

पाकिस्तान कोर्ट ने जनहित याचिका रिजेक्ट करते हुये
कहा कि :::
""कुरान और हदीस के हिसाब से
हज पसीने की कमाई से करना पड़ता है !
दूसरों की कमाई से नहीं !
सब्सिडी
इस्लाम के खिलाफ है !

पाकिस्तान सुप्रीम कोर्ट के
हिसाब से भारतीय मुसलमानों को मिल रही सब्सिडी हराम है...!!!!
क्या नेता इस पर कुछ टिप्पणी देंगे ?
अजीब कानून है भैया. ..!

गाय का चारा खाया तो जेल भेज दिया
और जो गाय को खा रहा है
उसको हज के लिए भेजते हो .....!!!

ये जो नीचे लिखा है वो कोई मज़ाक नहीं है.....

कल ये आपके शहर में भी हो सकता है......

अगर ये अमेरिका,जापान
या फिर चाइना में हुआ होता तो इन शांति प्रिय मजहब
वालों को काट कर गटर में फेंक देते,,

कुछ दिन पहले ::
NDTV के रवीश कुमार ने.... RSS के सिन्हा सर से
तल्ख़ मुद्रा में पूछा था कि....अगर देश में मुस्लिम
ज्यादा हो जायेंगें तो कौन सा पहाड़ टूट पड़ेगा ???
-
इसका एक प्रायोगिक उत्तर कल के एक वाकये ने दिया.....

मुस्लिम बाहुल्य "काश्मीर विश्वविद्यालय" में एक फिल्म "हैदर"
की शूटिंग चल रही थी......उसके एक दृश्य के फिल्मांकन के लिए....
तिरंगा झंडा लगाया गया...
और कलाकारों को
जय हिंद बोलना पड़ा....|
इतना होना था कि....विश्वविद्यालय के छात्र उस यूनिट पर टूट पड़े....
फिल्म का सेट तोड़
दिया गया....|
काफी जद्दोजहद के बाद फिल्म के कलाकारों को बाहर
निकाला जा सका....|
तिरंगे से उनकी नफरत और जय हिंद पर आपत्ति
इस सबका कारण थी...!!!

पुलिस ने कुछ
लोगों को गिरफ्तार किया...लेकिन
कालेज प्रशासन के
कहने पर छोड़ दिया गया..|

ध्यान रहे वो अनपढ़ लोग नहीं....विश्वविद्यालय के छात्र थे...!

हाथ जोड़ के विनती है ......
इसे शेयर करें ये कोई छोटी खबर नहीं है ,,,
ये हमारे देश के सम्मान की बात है ।
******************************
एक सुन्दर संवाद :: एक बार ज़रूर पढ़ें )

बी.एस.सी. का छात्र .....
कॉलेज का पहला दिन ....(गले में बड़े-बड़े ...रुद्राक्ष की माला)

प्रोफेसर :-बड़े पंडित दिखाई देते हो ,,,
लेकिन कॉलेज में पढ़ाई लिखाई पर ध्यान दो ,,,
पूजा पाठ घर में ही ठीक है !!


(क्लास के सभी बच्चे ठहाका लगाते हैं )
छात्र::(विनम्रता से)--सर... आप मेरे गुरु हैं
और सम्माननीय भी इसलिए
आपकी आज्ञा से ही कुछ
कहना चाहूँगा....!!!

शिक्षक कहते हैं :-बोलो....!
....................
...................
.......................
छात्र :: --सर....
जब ऐसे छोटे कॉलेज छोड़िये
आई आई टी और मेडिकल कॉलेज तक में मुस्लिम छात्र दाढ़ियाँ बढ़ाकर या टोपी चढ़ाकर जाते हैं
और कितनी भी बड़ी लेक्चर हो क्लास छोड़कर.......
नमाज़ के लिए बाहर निकल जाते हैं
तो शिक्षकों को वो धर्मनिष्ठता लगती है !
जब क्रिश्चियन छात्र गले में
बड़े बड़े क्राॅस लटकाकर घूमते
हैं तो वो धर्मनिष्ठता है ,,,,
और ये उनके मजहब की बात हुई......

और आज आपके सामने
इसी क्लास में.....
कितनी ही लड़कियों ने
बुर्का पहना है
और कितने ही बच्चों ने
जाली-टोपी चढ़ा रखी है.....
तो आपने उन्हें कुछ नहीं कहा.........
तो आखिर.....
मेरी गलती क्या है..... ???
क्या बस इतनी कि मैं एक हिंदू हूँ....???

शिक्षक क्लास छोड़कर बाहर
चला गया ।

1 मिनट चैटिंग छोडकर इस पोस्ट को जरूर पढेँ..

वर्ना सारी जिन्दगी चैट ही करते रह जाओगे

आँखों से पर्दा हटाओ दोस्तों और मशाल जलाओ ।
ज्यादा से ज्यादा लाइक शेयर करो मित्रों
और

ये पोस्टपूरी
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