दिवार पर पेशाब करता व्यक्ति पूछता है
अच्छे दिन कब आयेंगे
*बिजली चोरी करता व्यक्ति पूछता है,
अच्छे दिन कब आयेंगे
*यहाँ-वहाँ कचरा फैंकता व्यक्ति पूछता है,
अच्छे दिन कब आयेंगे
*कामचोर सरकारी कर्मचारी पूछता है,
अच्छे दिन कब आयेंगे
*टेक्स चोरी करता व्यक्ति पूछता है,
अच्छे दिन कब आयेंगे
*देश से गद्दारी करता व्यक्ति पूछता है,
अच्छे दिन कब आयेंगे
*नोकरी पर देरी से व जल्दी घर दौड़ता कर्मचारी पूछता है,
अच्छे_ दिन कब आयेंगे
*लड़कियों से छेड़खानी करता व्यक्ति पूछता है,
अच्छे दिन कब आयेंगे
*राष्ट्रगान के समय बातें करते स्कूलों के कुछ लोग पूछते है,
अच्छे दिन कब आयेंगे
*स्कूल में बच्चों को न भेजने वाले लोग पूछते हैं,
अच्छे दिन कब आयेंगे_
*कसाई जैसे कमीशनखोर डाक्टर पूछता है
अच्छे दिन कब आयेंगे
*सड़क पर रेड सिगनल तोड़ते लोग पूछते,
अच्छे दिन कब आयेंगे
*किताबों से दूर भागते विद्यार्थी पूछते हैं,
अच्छे दिन कब आयेंगे
*कारखानों में हराम खोरी करते लोग पूछते हैं,
अच्छे दिन कब आयेंगे......
.यदि खुद नहीं बदल सकते तो अच्छे दिनों की आस छोड़ दो।
क्योंकि
देश आपके उपदेश से नहीं,
आचरण से बदलेगा,
तब आएंगे अच्छे दिन..
*******************************
સિંગ કચરાની ટોપલીમાં
નાખી દેતા અને એના ફોતરા
ખીસામાં રાખી મુકતા
મુર્ખ માણસ જેવા આપણે છીએ.
કો'કે આપેલો પ્રેમ
આપણે ભૂલી ગયા છીએ અને
કો'કે દીધેલી ગાળ
આપણે હૃદયમાં સંઘરીને બેઠા છીએ.
દુ:ખી ન થઈએ તો
બીજું થાય પણ શું ?
*************************
अच्छे दिन कब आयेंगे
*बिजली चोरी करता व्यक्ति पूछता है,
अच्छे दिन कब आयेंगे
*यहाँ-वहाँ कचरा फैंकता व्यक्ति पूछता है,
अच्छे दिन कब आयेंगे
*कामचोर सरकारी कर्मचारी पूछता है,
अच्छे दिन कब आयेंगे
*टेक्स चोरी करता व्यक्ति पूछता है,
अच्छे दिन कब आयेंगे
*देश से गद्दारी करता व्यक्ति पूछता है,
अच्छे दिन कब आयेंगे
*नोकरी पर देरी से व जल्दी घर दौड़ता कर्मचारी पूछता है,
अच्छे_ दिन कब आयेंगे
*लड़कियों से छेड़खानी करता व्यक्ति पूछता है,
अच्छे दिन कब आयेंगे
*राष्ट्रगान के समय बातें करते स्कूलों के कुछ लोग पूछते है,
अच्छे दिन कब आयेंगे
*स्कूल में बच्चों को न भेजने वाले लोग पूछते हैं,
अच्छे दिन कब आयेंगे_
*कसाई जैसे कमीशनखोर डाक्टर पूछता है
अच्छे दिन कब आयेंगे
*सड़क पर रेड सिगनल तोड़ते लोग पूछते,
अच्छे दिन कब आयेंगे
*किताबों से दूर भागते विद्यार्थी पूछते हैं,
अच्छे दिन कब आयेंगे
*कारखानों में हराम खोरी करते लोग पूछते हैं,
अच्छे दिन कब आयेंगे......
.यदि खुद नहीं बदल सकते तो अच्छे दिनों की आस छोड़ दो।
क्योंकि
देश आपके उपदेश से नहीं,
आचरण से बदलेगा,
तब आएंगे अच्छे दिन..
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સિંગ કચરાની ટોપલીમાં
નાખી દેતા અને એના ફોતરા
ખીસામાં રાખી મુકતા
મુર્ખ માણસ જેવા આપણે છીએ.
કો'કે આપેલો પ્રેમ
આપણે ભૂલી ગયા છીએ અને
કો'કે દીધેલી ગાળ
આપણે હૃદયમાં સંઘરીને બેઠા છીએ.
દુ:ખી ન થઈએ તો
બીજું થાય પણ શું ?
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