Wednesday, July 8, 2015

08-07-2015

યાદ કરું ને સામે મળવું, ક્યાં સહેલું છે?
એકબીજામાં એમ ઓગળવું, ક્યાં સહેલું છે?
ભરચોમાસે બારી પાસે બેસી રહીને,
ચાર ભીંતોની વચ્ચે બળવું, ક્યાં સહેલું છે?
વરસો પહેલાં ગણગણતી એ ગીત, હવે તો-
તારા હોઠેથી સાંભળવું, ક્યાં સહેલું છે?
તેં દીધેલાં પત્રો મારી પાસે છે, પણ;
રોજે રોજ એ વાંચન કરવું, ક્યાં સહેલું છે?
કોઈ નદીની જેમ તું, અહીંથી ચાલી ગઈ છે,
કાંઠે બેસીને ટળવળવું, ક્યાં સહેલું છે?
આંખોમાં રંગ આવશે, તારી મહેંદી જેવો,
નસીબ સહુનું, સૌને ફળવું, ક્યાં સહેલું છે?
તારા ઘરના ફળિયે, લીલા તોરણ જોઈને,
અધ્ધવચ્ચેથી આગળ વધવું, ક્યાં સહેલું છે?
-રાજેશ મહેતા ‘રાજ’

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જે વ્યથાને અડકે નહીં, એ કલા અધૂરી છે
જે કલમથી ટપકે નહીં, એ વ્યથા અધૂરી છે
પાત્ર પણ વલણ કેવું આત્મઘાતી રાખે છે !
એય ના વિચાર્યું કે વારતા અધૂરી છે
ભક્ત રઝળે અંધારે ને ઝળાંહળાં ઇશ્વર
નીકળી ગયું મુખથી, ‘ દિવ્યતા અધૂરી છે ‘
સૌનું એ જ રડવું છે, જામ કેમ અધૂરો છે ?
સાવ સીધું કારણ છે પાત્રતા અધૂરી છે
બે જણા મળે દિલથી તોય એક મજલિસ છે*
એકલો છું હું આજે ને સભા અધૂરી છે
મૃત્યુ આવવા માંગે આંગણે અતિથિ થઈ
ને હજુ તો જીવનની સરભરા અધૂરી છે
ઠેરઠેર ડૂસકાં છે, ઠેરઠેર ડૂમા છે
ને ‘રઈશ’ જગતભરની સાંત્વના અધૂરી છે
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જ્યાં છે એ નક્કી વાત કે કોઈ અમર નથી,
અમૃત મળે તો શું કરું ? એમાં અસર નથી.
ખામી તમારા રૂપમાં દેખાય છે હવે,
પહેલાં હતી જે, એવી અમારી નજર નથી.
ગઈકાલે શું થયું ભલા એનું તો ભાન ક્યાં?
આજે શું થઇ રહ્યું છે મને કંઈ ખબર નથી!
પાગલપણું આ પ્રેમનું હદથી વધી ગયું,
તે શેરીમાં ફરું છું કે જ્યાં તારું ઘર નથી.
આ છૂટવાની રીત કે મિત્રોએ કહી દીધું,
શું થઇ શકે કે જ્યાં તને તારી કદર નથી!
આવાગમન છે બંને જગતમાં સતત ‘મરીઝ’,
પૂરી જે થાય એવી જીવનની સફર નથી.
-મરીઝ
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અમે તારા પ્રણયનાં ફૂલ ખરવા પણ નથી દેતાં,
છૂપાં રાખ્યાં છે એવાં કે પમરવા પણ નથી દેતાં.
ગરીબીને લીધે કરવી પડે છે કરકસર આવી,
અમે રડીએ છીએ ને અશ્રુ સરવા પણ નથી દેતાં.
હવેના રાહબર પોતે જ ખોટા રાહ જેવાં છે,
સફર સાચી દિશામાં તો એ કરવા પણ નથી દેતાં.
ભલે મળતાં નથી, પણ એજ તારણહાર છે સાચા,
જે ડૂબવા તો નથી દેતા જ, તરવા પણ નથી દેતાં.
હવે આવા પ્રણયનો અંત પણ આવે તો કઇ રીતે?
નથી પોતે વિસરતાં કે વિસરવા પણ નથી દેતાં.
સુરાનો નહિ, હવે સાકીનો ખુદનો છે નશો અમને,
કે એનો હાથ પકડી જામ ભરવા પણ નથી દેતાં.
જીવાડે પ્રેમથી એવું તો કોઇ ક્યાં મળે બેફામ?
કે મતલબ હોય છે તો લોક મરવા પણ નથી દેતાં
– બરકત વિરાણી ‘બેફામ’
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Nice poem

ऐ   "सुख"  तू  कहाँ   मिलता   है
क्या  तेरा   कोई  स्थायी  पता है

क्यों   बन   बैठा   है अन्जाना
आखिर   क्या   है   तेरा   ठिकाना।

कहाँ   कहाँ    ढूंढा  तुझको
पर  तू  न  कहीं  मिला  मुझको

ढूंढा  ऊँचे   मकानों  में
बड़ी  बड़ी   दुकानों  में

स्वादिस्ठ   पकवानों  में
चोटी  के  धनवानों  में

वो   भी   तुझको    ढूंढ  रहे   थे
बल्कि   मुझको  ही   पूछ  रहे थे

क्या   आपको   कुछ   पता    है
ये  सुख  आखिर  कहाँ  रहता   है?

मेरे  पास  तो  "दुःख"  का   पता   था
जो   सुबह   शाम
   अक्सर  मिलता  था

परेशान   होके   रपट    लिखवाई
पर   ये   कोशिश   भी   काम  न  आई

उम्र   अब   ढलान  पे  है
हौसले    थकान  पे    है

हाँ   उसकी  तस्वीर   है   मेरे पास
अब  भी बची   हुई  है    आस

मैं  भी हार    नही    मानूंगा
सुख  के  रहस्य   को जानूंगा

बचपन   में    मिला    करता    था
मेरे    साथ   रहा    करता  था

पर   जबसे   मैं    बड़ा   हो   गया
मेरा  सुख   मुझसे   जुदा   हो  गया।

मैं   फिर   भी   नही   हुआ    हताश
जारी   रखी    उसकी    तलाश

एक  दिन  जब   आवाज  ये    आई
क्या   मुझको   ढूंढ  रहा  है   भाई

मैं  तेरे  अन्दर   छुपा   हुआ    हूँ
तेरे  ही   घर  में  बसा   हुआ  हूँ

मेरा  नही  है   कुछ   भी    "मोल"
सिक्कों   में   मुझको   न तोल

मैं  बच्चों  की  मुस्कानों  में    हूँ
हारमोनियम   की  तानों   में हूँ

पत्नी  के साथ    चाय  पीने में
"परिवार"    के  संग  जीने   में

माँ  बाप   के आशीर्वाद    में
रसोई   घर   के  पकवानो  में

बच्चों  की   सफलता  में   हूँ
माँ   की  निश्छल  ममता  में  हूँ

हर  पल  तेरे  संग    रहता  हूँ
और   अक्सर  तुझसे   कहता  हूँ

मैं   तो   हूँ   बस एक    "अहसास"
बंद  कर   दे   तु मेरी    तलाश

जो   मिला   उसी  में  कर   "संतोष"
आज  को  जी  ले  कल  की न सोच

कल  के   लिए  आज  को  न   खोना

मेरे   लिए   कभी   दुखी   न  होना
मेरे  लिए   कभी  दुखी   न    होना
😀☺😊😄😀☺😃😊😄A
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सुपर मेसेज 👌👌👌👌👌

एक मनोवैज्ञानिक स्ट्रेस मैनेजमेंट के बारे में, अपने दर्शकों से मुखातिब था..

उसने पानी से भरा एक ग्लास उठाया...

सभी ने समझा की अब "आधा खाली या आधा भरा है".. यही पूछा और समझाया जाएगा..

मगर मनोवैज्ञानिक ने पूछा.. कितना वजन होगा इस ग्लास में भरे पानी का..??

सभी ने.. 300 से 400 ग्राम तक अंदाज बताया..

मनोवैज्ञानिक ने कहा.. कुछ भी वजन मान लो..फर्क नहीं पड़ता..

फर्क इस बात का पड़ता है.. की मैं कितने देर तक इसे उठाए रखता हूँ

अगर मैं इस ग्लास को एक मिनट तक उठाए रखता हूँ.. तो क्या होगा?

शायद कुछ भी नहीं...

अगर मैं इस ग्लास को एक घंट तक उठाए रखता हूँ.. तो क्या होगा?

मेरे हाथ में दर्द होने लगे.. और शायद अकड़ भी जाए.

अब अगर मैं इस ग्लास को एक दिन तक उठाए रखता हूँ.. तो ??

मेरा हाथ... यकीनऩ, बेहद दर्दनाक हालत में होगा, हाथ पैरालाईज भी हो सकता है और मैं हाथ को हिलाने तक में असमर्थ हो जाऊंगा

लेकिन... इन तीनों परिस्थितियों में ग्लास के पानी का वजन न कम हुआ.. न ज्यादा.

चिंता और दुःख का भी जीवन में यही परिणाम है।

यदि आप अपने मन में इन्हें एक मिनट के लिए रखेंगे..

आप पर कोई दुष्परिणाम नहीं होगा..

यदि आप अपने मन में इन्हें एक घंटे के लिए रखेंगे..

आप दर्द और परेशानी महसूस करने लगेंगें..

लेकिन यदि आप अपने मन में इन्हें पूरा पूरा दिन बिठाए रखेंगे..

ये चिंता और दुःख..  हमारा जीना हराम कर देगा.. हमें पैरालाईज कर के कुछ भी सोचने - समझने में असमर्थ कर देगा..

और याद रहे..
इन तीनों परिस्थितियों में चिंता और दुःख.. जितना था,  उतना ही रहेगा..

इसलिए.. यदि हो सके तो.. अपने चिंता और दुःख से भरे "ग्लास" को...

एक मिनट के बाद..

नीचे रखना न भुलें..

🙏सुखी रहे, स्वस्थरहे.          
power of  positive  Thinking.
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 🔴⭕मन की बात⭕🔴⭕

🔴 आज न जाने क्यूँ मन कुछ उचट सा गया है...! आत्म मंथन की खातिर दिल मचल सा गया है...!! 🔴

🔴 सैंकडो मील दूर बैठे किसी इंसान के Last seen at…की हमें खबर है...!
मगर अपने ही घर के किसी कमरे में बैठे बूढे पिताजी को कब देखा था याद नहीं..!! 🔴

🔴 हमारे बुज़ुर्ग माता-पिता कई बार हमें करीब से निहार कर अपने कमरे में चले जाते है...! और हम अपने स्मार्ट फ़ोन में नजरें गडाए उन्हें नजर अंदाज कर देते है...!! 🔴

🔴 हमें मालूम है कि हमारा फलाँ दोस्त इस समय typing…! मगर ये नहीं पता कि बाज़ू वाले कमरे मे बेटा पढाई कर भी रहा है या नहीं...!! 🔴

🔴 हम सुबह उठते ही अपने फोन पर सैंकडो लोगों को Good Morning Wish करते हैं..! मगर चाय का प्याला देने आई बीवी को आप Love You कहना भूल जाते है...!! 🔴

🔴 पार्क की बैंच पर अपने बीवी बच्चों के साथ बैठ कर; ठहाके कब लगाए थे--याद नहीं...! WhatsApp पर Joke Share करके तो हम रोज हंसा  करते हैं...!! 🔴

🔴 बीवी कितना ही अच्छा और ताज़ा खाना परोस दे हम तारीफ़ नही करते...! जबकि किसी दोस्त के महीनो पुराने; बासी; Forwarded मैसेज पर हम तुरंत कमैंट कर देते है...!! 👍👌

🔴 हमें अपने परिजनो के लिए उनकी पसंद की कोई चीज पास की दुकान से लाने में आलस महसूस करते हैं...! जबकि PlayStore से कोई App ढूँढने में हम घंटो बिता देते हैं...!! 🔴

🔴 आज हमारे पास Virtual Friends की विशाल दुनिया है...! जबकि वास्तविक दोस्तो का अभाव है...!! 🔴

🔴 हम FaceBook Twitter पर अपने Followers या  Likes को देखकर फूले नहीं समाते...! जबकि सच तो ये है; कि हमारे खुद के बच्चे तक हमे Like या Follow नहीं करते...!! 🔴

🔵 आज हम Social दिखने के चक्कर में Social Media के मकड़ज़ाल में इस कद्र उलझ गए हैं; कि अपने Family से Familiar होने का वक्त नहीं; या यूं कहूं... हम जमीनीं रिश्तों को भूला बैठे है...!! 🔵

🔵 हो सकता है मेरे मन की ये बात
आप के मन को भी झकझोर दे...!
तो आत्ममंथन करियेगा ... मैं भी कर रहा हूँ........!! 😉😉😉😉😉😉
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 ♻आनंद नवकार परिवार ♻
✋श्री आलोकऋषिजी म.सा.✋
सुसंस्कार..!  संगठन...!!  सेवा...!!!

👉 मानव जीवन में उपयोगी तीन ज्ञानवर्ध एवं
महत्वपूर्ण बातें !!
💥” सोचो, समझो, फिर करो “

🔻√ तीन चीजों को कभी छोटी ना समझे –
बीमारी, कर्जा, शत्रु !

🔻√ तीनों चीजों को हमेशा वश में रखो – मन,
काम और लोभ !

🔻√ तीन चीज़ें निकलने पर वापिस नहीं आती –
तीर कमान से, बात जुबान से और प्राण शरीर से !

🔻√ तीन चीज़ें कमज़ोर बना देती है – बदचलनी,
क्रोध और लालच !

🔻√ तीन चीज़ें कोई चुरा नहीं सकता – अकल,
चरित्र, हुनर !

🔻√ तीन चीजों में मन लगाने से उन्नति होती है –
ईश्वर, परिश्रम और विद्या !

🔻√ तीन व्यक्ति वक़्त पर पहचाने जाते हैं – स्त्री,
भाई, दोस्त !

🔻√ तीनों व्यक्ति का सम्मान करो – माता,
पिता और गुरु !

🔻√ तीनों व्यक्ति पर सदा दया करो – बालक,
भूखे और पागल !

🔻√ तीन चीज़े कभी नहीं भूलनी चाहिए – कर्ज़,
मर्ज़ और फर्ज़ !

🔻√ तीन बातें कभी मत भूलें – उपकार, उपदेश और
उदारता !

🔻√ तीन बातें चरित्र को गिरा देती हैं – चोरी,
निंदा और झूठ !

🔻√ तीन चीज़ें हमेशा दिल में रखनी चाहिए –
नम्रता, दया और माफ़ी !

🔻√ तीन चीज़ों पर कब्ज़ा करो – ज़बान, आदत और
गुस्सा !

🔻√ तीन चीज़ों से दूर भागो – आलस्य, खुशामद और
बकवास !

🔻√ तीन चीज़ें इंसान की अपनी होती हैं – रूप,
भाग्य और स्वभाव !

🔻√ तीन चीजों पर अभिमान मत करो –
ताकत,सुन्दरता, यौवन !

🔻√ तीन चीज़ें अगर चली गयी तो कभी वापस नहीं
आती – समय, शब्द और अवसर !

💥फ्रॉम:-
▪♧ आनंद जैन पाठशाला🏠
▪☆ऑल इंडिया जैन युथ फेडरेशन 💫
▪आनंद समर/विंटर कैंप 🎪
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