Saturday, August 12, 2017

WhatsApp Collection 18

‘આગ ઉપર ચાલવાનું, નામ આ સંસાર છે
થઈ શકે જો એટલો, નિર્ણય તો બેડો પાર છે

વિશ્ર્વમાં કુદરતની લીલાનો, ભલા કયા પાર છે
તારી દૃષ્ટિ શું જુએ છે, એ ઉપર આધાર છે

સર્વથી તું શ્રેષ્ઠ છો, એ ગર્વમાં રહેતો નહીં
આપણાથી શ્રેષ્ઠ લોકો, જગમાં અપરંપાર છે

કોઈનું દિલ તોડવાની, વાત કરશો નહિ કદી
જીભ તો કાબૂમાં રાખો, જીભ ક્યાં તલવાર છે

ક્યાંથી આવે છે હવા, કેવો હવાનો રંગ છે
વિજ્ઞાનીઓને પૂછીએ કે, એનો ક્યો આકાર છે

કોણ પ્રગટાવે છે રાતે, આ કરોડો તારલા?
કો’અદીઠી આજ્ઞાનો, કેટલો સહકાર છે

કેટલો આભાર માનું, કેટલું વર્ણન કરું
આઝાદ મારા પર તો, ઈશ્ર્વરના ઘણો ઉપકાર છે.’
-કુતુબ આઝાદ⁠⁠⁠⁠
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Lyrics of Pankaj Udhas Video sent by you.
दुख सुख था एक सबका
अपना हो या बेगाना
एक वो भी था ज़माना
एक यह भी है ज़माना
दुख सुख था एक सबका
अपना हो या बेगाना
एक वो भी था ज़माना
एक यह भी है ज़माना

दादा हैयात थे जब
 मिट्टी का एक घर था
 चोरों का कोई खटका
ना डाकुओं का डर था
 खाते थे रूखी सूखी
सोते थे नींद गहरी
 शामें भरी भरी थी
 आबाद थी दुपेहरी  संतोष था दिलों को
 माथे पे बल नही था
दिल में कपट नही था
 आँखों में छल नही था
थे लोग भोले भले
 लेकिन थे प्यार वाले
 दुनिया से कितनी जल्दी
सब हो गये रवाना
दुख सुख था एक सबका
अपना हो या बेगाना
एक वो भी था ज़माना
एक यह भी है ज़माना

अब्बा का वक़्त आया
 तालीम घर में आई
अब्बा का वक़्त आया
 तालीम घर में आई
 तालीम साथ अपनी
 ताज़ा विचार लाई
आगे रवायतों से
 बढ़ने का ध्यान आया
 मिट्टी का घर हटा तो
 पक्का मकान आया
 दफ़्तर की नौकरी थी
 तनखा था सहारा  मालिक पे था भरोसा
हो जाता था गुज़ारा  पैसा अगर चेकम था
फिर भी ना कोई गम था
 कैसा भरा पूरा था
अपना ग़रीब खाना
दुख सुख था एक सबका
अपना हो या बेगाना
एक वो भी था ज़माना
एक यह भी है ज़माना

अब मेरा दौर है यह
कोई नही किसी का
अब मेरा दौर है यह
कोई नही किसी का
हर आदमी अकेला
हर चेहरा अजनबी सा
 आँसू ना मुस्कुराहट  जीवन का हाल ऐसा
अपनी खबर नही है
माया का जाल ऐसा
 पैसा है मर्तबा है
 इज़्ज़त विकार भी है
 नौकर हैं और चाकर  बंगला है कार भी है
ज़र पास है ज़मीन है
 लेकिन सुकून नही है
 पाने के वास्ते कुछ
क्या क्या पड़ा गवाना
दुख सुख था एक सबका
अपना हो या बेगाना
एक वो भी था ज़माना
एक यह भी है ज़माना

आए आने वाली नस्लों
आए आने वेल लोगों  भोगा है हमने
 जो कुछ
वो तुम कभी ना भोगो
जो दुख था साथ अपने
 तुमसे करीब ना हो
 पीड़ा जो हुँने झेली
 तुमको नसीब ना हो
जिस तरह भीड़ में हम
 ज़िंदा रहे अकेले
वो ज़िंदगी की महफ़िल  तुमसे ना कोई ले ले
तुम जिस तरफ से गुज़रो
मेला हो रोशनी का
रास आए तुमको मौसम
 एक्कीसवी सदी का
हम तो सुकून को तरसे
तुम पर सुकून बरसे
 आनंद हो दिलों में
 जीवन लगे सुहाना

दुख सुख था एक सबका
अपना हो या बेगाना
एक वो भी था ज़माना
एक यह भी है ज़माना.
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છોકરાઓને સમજાવવામાં ધ્યાન રાખો...

એક મેજર ના છોકરા ને એના પિતાજી એ કહયુ : બેટા કોઇ તારુ નામ પુછે તો વધારા મા કહેવુ કે હુ ભવાનીસીંગ મેજર નો પુત્ર છુ

એની માતા ને ના ગમ્યુ બેટા આ ઘમંડ કહેવાય આવુ ના કહેવાય

ઘરે મહેમાન આવ્યા ; બેટા તુ ભવાનીસીંગ નો દીકરો ને?

બેટા એ જવાબ આપ્યો ;  પપ્પા તો હા પાડે છે પણ મમ્મી ના કહે છે
🤣🤣🤣
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Lovely poem.  just superb 👍👍

कहाँ पर बोलना है
और कहाँ पर बोल जाते हैं।
जहाँ खामोश रहना है
वहाँ मुँह खोल जाते हैं।।

कटा जब शीश सैनिक का
तो हम खामोश रहते हैं।
कटा एक सीन पिक्चर का
तो सारे बोल जाते हैं।।

नयी नस्लों के ये बच्चे
जमाने भर की सुनते हैं।
मगर माँ बाप कुछ बोले
तो बच्चे बोल जाते हैं।।

बहुत ऊँची दुकानों में
कटाते जेब सब अपनी।
मगर मज़दूर माँगेगा
तो सिक्के बोल जाते हैं।।

अगर मखमल करे गलती
तो कोई कुछ नहीँ कहता।
फटी चादर की गलती हो
तो सारे बोल जाते हैं।।

हवाओं की तबाही को
सभी चुपचाप सहते हैं।
च़रागों से हुई गलती
तो सारे बोल जाते हैं।।

बनाते फिरते हैं रिश्ते
जमाने भर से अक्सर।
मगर जब घर में हो जरूरत
तो रिश्ते भूल जाते हैं।।

कहाँ पर बोलना है
और कहाँ पर बोल जाते हैं।
जहाँ खामोश रहना है
वहाँ मुँह खोल जाते हैं।।
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Couldn't stop sharing this one...

Gujju wrote this
English Love Letter :

Maari Deer Usha Ben, 

U r que tea, luv lee, no tea, on nest, attract thief, cheer fool, soup pub & u r very pre tea

Taro lower, 

Come less bhai...
😂😂😂😜
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