Friday, June 3, 2016

03-06-2016

*सिकंदर ने आधी दुनिया जीत ली थी पर.. जब मरा तो 3 इच्छा थी..*

1- जिन हकीमों ने इलाज किया वो सब जनाजे को कँधा दें ........क्यों ?

*"ताकि सबको पता चल जाये कि हकीम भी मरने से रोक नहीं सकते"*

2- जनाजे की राह में वो सारी दौलत बिछा दी जाये जो उसने जिंदगी भर इकट्ठा करी .....क्यों ?

*"ताकि सब जान लें जब मौत की घड़ी आती है तब ये दौलत भी किसी काम नहीं आती"*

3- उसकी मौत के बाद जब उसका जनाजा निकले तो उसके दोनों हाथ  बाहर लटकाये जाये ..........क्यों ?

*"ताकि सबको मालूम हो इंसान खाली हाथ आया है और खाली हाथ जायेगा"*
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“એય..ઉઠને, થોડુક વોકિંગ કરી આવીએ!!”


“કેમ? હું તમને જાડી લાગુ છું?’


“ અરે જાડા હોય એ જ વોકીગ કરે એવુ થોડુ હોય! ચાલવા થી તબિયત સારી રહે! ફીટ રહેવાય”


“ તમને હું માંદિ લાગુ છું??”


“ તારે ન આવવું હો તો પડી રહે!!


“એટલે તમારું કહેવાનું એમ થાય છે ને હું આળસુ છું?!!”


“રેવા દે ને યાર! તું કોઈ વાત ને સમજતી નથી!


“  હું તો જાણે નાની કીકલી ! મને કાઇ જ સમજણ નથી પડતી !!


“ જો મેં એવું નથી કહ્યું!!”


“ એટલે હું ખોટું બોલું છું એમ ને?”


“ મગજની નસ ખેચવાની રેવા દેને!!’


“ મને કચકચણી કહો છો?


“એએએ મુક માથાકૂટ, મારે નથી જાવું વોકિંગ માં!”


‘જોયું? તમારી  જાવાની દાનત જ નહોતી! ખાલી ખાલી મસ્કા જ મારવા છે!


“ હે ભગવાન, તું જા સુઈ જા ! હું એકલો જ જાઉં છું!”


“ મને ખબર જ હતી, તમારે  એકલા એકલા જ બધે ફરવું છે ને એકલા એકલા જ જલસા કરવા છે!!”


“ રેવા દે હો હવે, હું થાક્યો, મારૂ માથુ ભમે છે!!”


“ જોયું? તમે કાયમી તમારી તબિયત નો જ વિચાર કરો છો, મારું તો ક્યારેય વિચારતા જ નથી!!"


આને ક્યા પોગવું???
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हरिवंशराय बच्चन जी की एक खूबसूरत कविता,,

"रब"  ने.  नवाजा   हमें.  जिंदगी.  देकर;
और.  हम.  "शौहरत"  मांगते   रह   गये;

जिंदगी  गुजार  दी  शौहरत.  के  पीछे;
फिर   जीने   की  "मौहलत"   मांगते   रह गये।

ये   कफन ,  ये.  जनाज़े,   ये   "कब्र" सिर्फ.  बातें   हैं.  मेरे   दोस्त,,,
वरना   मर   तो   इंसान   तभी   जाता  है जब  याद  करने  वाला  कोई   ना. हो...!!

ये  समंदर   भी.  तेरी   तरह.  खुदगर्ज़ निकला,
ज़िंदा.  थे.  तो.  तैरने.  न.  दिया.  और मर.  गए   तो   डूबने.  न.  दिया . .

क्या.  बात   करे   इस   दुनिया.  की
"हर.  शख्स.  के   अपने.  अफसाने.  हैं"

जो   सामने.  हैं  उसे   लोग.  बुरा   कहतें  हैं,
जिसको.  देखा.  नहीं   उसे   सब   "खुदा".  कहते.   हैं.!!!
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क्या आप जानते हैं कि हमारे देश, गाँव व शहरों के असली नाम क्या थे ?

१. हिन्दुस्तान, इंडिया या भारत का असली नाम - आर्यावर्त्त !
२. कानपुर का असली नाम - कान्हापुर !
३. दिल्ली का असली नाम - इन्द्रप्रस्थ !
४. हैदराबाद का असली नाम - भाग्यनगर !
५. इलाहाबाद का असली नाम - प्रयाग !
६. औरंगाबाद का असली नाम - संभाजी नगर !
७. भोपाल का असली नाम - भोजपाल !
८. लखनऊ का असली नाम - लक्ष्मणपुरी !
९. अहमदाबाद का असली नाम -  कर्णावती !
१०. फैजाबाद का असली नाम - अवध !
११. अलीगढ़ का असली नाम - हरिगढ़ !
१२. मिराज का असली नाम - शिव प्रदेश !
१३. मुजफ्फरनगर का असली नाम - लक्ष्मी नगर !
१४. शामली का असली नाम - श्यामली !
१५. रोहतक का असली नाम - रोहितासपुर !
१६. पोरबंदर का असली नाम - सुदामापुरी !
१७. पटना का असली नाम - पाटलीपुत्र !
१८. नांदेड का असली नाम - नंदीग्राम !
१९. आजमगढ का असली नाम - आर्यगढ़ !
२०. अजमेर का असली नाम - अजयमेरु !
२१. उज्जैन का असली नाम - अवंतिका !
२२. जमशेदपुर का असली नाम काली माटी !
२३. विशाखापट्टनम का असली नाम - विजात्रापश्म !
२४. गुवाहटी का असली नाम - गौहाटी !
२५. सुल्तानगँज का असली नाम - चम्पानगरी !
२६. बुरहानपुर का असली नाम -  ब्रह्मपुर !
२७. इंदौर का असली नाम - इंदुर !
२८. नशरुलागंज का असली नाम - भीरुंदा !
२९. सोनीपत का असली नाम - स्वर्णप्रस्थ !
३०. पानीपत का असली नाम - पर्णप्रस्थ !
३१.बागपत का असली नाम - बागप्रस्थ !
३२. उसामानाबाद का असली नाम - धाराशिव (महाराष्ट्र में) !
३३. देवरिया का असली नाम - देवपुरी ! (उत्तर प्रदेश में)
३४. सुल्तानपुर का असली नाम - कुशभवनपुर
३५. लखीमपुर का असली नाम - लक्ष्मीपुर ! (उत्तर प्रदेश में)

ये सभी नाम मुगलों, अंग्रेजों,  ने बदले हैं ।
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