Monday, June 22, 2015

22-06-2015

दोस्तो मैं इस बात को लेकर बहुत परेशान हूँ कि लोग अच्छे दिनों को लेकर इतने परेशान क्यों हैं.???


आखिर किसी ने सोचा है अच्छे दिनों के लिये हमारा योगदान कितना है.?
*सड़क किनारे टट्टी करता व्यक्ति पूछता है,
अच्छे दिन कब---
*दीवार पर पेशाब करता व्यक्ति पूछता है,
अच्छे------
*बिजली चोरी करता व्यक्ति पूछता है,
अच्छे-----
*यहाँ-वहाँ कचरा फैंकता व्यक्ति पूछता है,
अच्छे----
*कामचोर सरकारी कर्मचारी पूछता है,
अच्छे-----
*टेक्स चोरी करता व्यक्ति पूछता है,
अच्छे---
*देश से गद्दारी करता व्यक्ति पूछता है,
अच्छे---
*नौकरी पर देरी से व जल्दी घर दौड़ता कर्मचारी पूछता है,
अच्छे_----
*लड़कियों से छेड़खानी करता व्यक्ति पूछता है,
अच्छे----
*राष्ट्रगान के समय बातें करते स्कूलों के कुछ लोग पूछते हैं,
अच्छे---
*स्कूल में बच्चों को न भेजने वाले लोग पूछते हैं,
अच्छे-_
*घरों में हर सम़य सिरियल देखती महिलायें पूछती हैं ,अच्छे---
*सड़क पर रेड सिग्नल तोड़ते लोग पूछते हैं,
अच्छे---
*किताबों से दूर भागते विद्यार्थी पूछते हैं,
अच्छे--
*कारखानों में हराम खोरी करते लोग पूछते हैं,
अच्छे--


बंद करो ये बकवास यदि खुद नहीं बदल सकते तो अच्छे दिनों की आस छोड़ दो।


साला घर संभलता नहीं देश की बात करते हैं |
कोई भी व्यक्ति इस तरह की पोस्ट करता है या fwrd करता है तो प्लीज पहले खुद को बदले, आईने में झांके, सोचे की आप एक अच्छे इंसान, अच्छे नागरिक, कर्तव्य परायण, ईमानदार, देश के लिए समर्पित हैं।


भगत सिंह - जेल में टॉर्चर किया गया और फाँसी पे लटका दिया गया ।

वीर सावरकर - सारी जिंदगी बेहिसाब टॉर्चर और काला पानी की सजा ।

लाला लाजपत राय - इतना मारा गया क़ि मौत हो गयी ?

चंद्र शेखर आजाद - नेहरु द्वारा मुखबरी करवाकर घेरकर मार दिया गया ?

सुभाष चंद्र बोस - देश से बाहर फेंक दिया गया और आजाद भारत में घुसने नही दिया गया ?

दूसरी और

महात्मा गांधी - जेल में सुविधाएँ - गोली तो क्या कभी गाली भी नही खायी ?

जवाहर लाल नेहरू - मजे लुटे आयाशि की - गुलाम भारत में भी साहब मिनरल वाटर पिते थे ?

और कुछ वेवकूफों ने हमारी सारी पीढ़ी को सिखा दिया क़ि गांधी और नेहरू भारतीयों के बाप और चाचा हैं और भगत सिंह आतंकवादी।

और लोग कहते है सच बिकता है देखो 70 साल से झूठ कैसे सोने के भाव बिक रहा है ।

जिस देश की जनसंख्या 125 करोड हो और टैक्स देने
वालो की संख्या ""3 करोड""
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उस देश के लोगो को विकास के लिए चिल्लाने
का कोई हक नही है ।
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अमेरिका में अगर कोई 100 रूपये कमाता है
तो वो 40 रूपये टैक्स देता है , मतलब उसकी इन हैण्ड
इनकम 60 तब कही जाकर उनको इतना विकास
मिला है ।
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--यहा भारत के लोग 100 रूपये कमाते हैं तो 8 रूपये
टैक्स देते हैं। और सुविधाऐ हमें सारी दुनिया से
ज्यादा चाहिए ।
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बजट आने पर सब लोग एक ही चीज सोचते हैं
किसी तरह टैक्स लिमिट को बढा दिया जाऐ
बस मजा आ जाऐगा ।
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कुल मिलाकर सबको बुलेट ट्रेन जैसी सुविधाएं
भी चाहिए लेकिन टैक्स देने मे
हमारी ऐसी तैसी हो जाती है ।
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भारत का हर नागरिक कह रहा है बजट खराब
आया ये नही किया वो नही किया ।
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जब पाकिस्तान की बात होती है तो सब लोग
कहते हैं भारत पाकिस्तान पर हमला करके उसे सबक
क्यो नही सिखाता
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लेकिन हम बेवकूफो को ये नही पता युद्ध में
कितना खर्च आता है ।
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अमेरिका अपने बजट का 47 % अपनी सुरक्षा पर
खर्च करता है ।
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इस बार भारत ने भी 40 % से ज्यादा अपने
सुरक्षा के लिए बजट से रखा है।
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लेकिन हमे तो अपना फायदा चाहिए देश के लिए
हम फेसबुक पर लड लेते हैं इससे
ज्यादा देशभक्ती नही दिखा सकते ।
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बजट में साफ साफ तौर पर --- देश मे निर्मित
प्रोडक्ट्स को सस्ता किया गया है।
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लेकिन भारत के देशभक्तो को तो --इम्पोर्टेड
चीजे अच्छी लगती है।--
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अब कोई भी स्वदेशी चीजे
नही खरीदेगा ।
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एक विदेशी कोल्डड्रिंक बंद नहीं कर सकते और
कोसने मोदी को लग जाएंगे।
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सच्चे भारतीय होने के नाते हम जरुर
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अगर एक खुशहाल और खुबसूरत भारत देखना चाहते हो तो।

सिर्फ net पे jok  पढ़ पढ़ के अपनी समझ मत बनाओ।😊😊