मैं भारत का नागरिक हूँ,
मुझे लड्डू दोनों हाथ चाहिये।
बिजली मैं बचाऊँगा नहीं,
बिल मुझे कम चाहिये ।
पेड़ मैं लगाऊँगा नहीं,
मौसम मुझको नम चाहिये।
शिकायत मैं करूँगा नहीं,
कार्रवाई तुरंत चाहिये ।
बिना लिए कुछ काम न करूँ,
भ्रष्टाचार का अंत चाहिये ।
पढ़ने को मेहनत न बाबा,
नौकरी लालीपाॅप चाहिये।
घर-बाहर कूड़ा फेकूं,
शहर मुझे साफ चाहिये ।
काम करूँ न धेले भर का,
वेतन लल्लनटाॅप चाहिये ।
एक नेता कुछ बोल गया सो
मुफ्त में पंद्रह लाख चाहिये।
लाचारों वाले लाभ उठायें,
फिर भी ऊँची साख चाहिये।
लोन मिले बिल्कुल सस्ता,
बचत पर ब्याज बढ़ा चाहिये।
धर्म के नाम रेवडियां खाएँ,
पर देश धर्मनिरपेक्ष चाहिये।
जाती के नाम पर वोट दे,
अपराध मुक्त राज्य चाहिए।
मैं भारत का नागरिक हूँ ,
मुझे लड्डू दोनों हाथ चाहिय।
It's time to change ourselves
👍🏽👌🏼👍🏽👌🏼👍🏽👌🏼👍🏽
****************************
मुद्रा माटी हो गई, मोदी भए कुम्हार।
नेता मिलि के रो रहे, ऐसा हुआ प्रहार।।
दीदी गुर्राए यहाँ, वहाँ बहन जी रोय।
उधर केजरी दंग है; क्यों हमको मोदी धोय।।
दीदी जीजा धुल गए, धरे रह गए ठाठ।
मोदी ऐसा धो रहा, खड़ी हो गई खाट।।
नए नोट कब मिल सकैं, जोह रहे सब बाट।
भौतन को चिंता लग रही, कैसे होंगे अब ठाठ!
सीट बेंचि के पाये थे, रुपैया कछु करोड़।
क्षण भर में माटी भये, दिया हौसला तोड़।।
माया की माया गई , दिये मुलायम रोय।
इह झटके का अब यहाँ इलाज न होगा कोय।।
रहिमन रद्दी हो गई, बड़ी करेन्सी नोट।
यूपी औ पंजाब में कइसे मिलिही वोट।।
रहिमन आँखन ना दिखे, भीतर लागी चोट।
रहि रहि गारी दे रहे ,कह मोदी को खोट।।
********************************
કિંમત બિલકુલ સસ્તી થઇ ગઈ,
નોટુમાંથી પસ્તી થઇ ગઈ,,,,,
પાંચ મિનિટ પીએમ શું બોલ્યા
પબ્લિક સાથે મસ્તી થઇ ગઈ,,,,
ડાધીયા કુતરા મ્યાંઉ કરે ને
બિલ્લી સઘળી ભસ્તી થઇ ગઈ,,,,
દોલત શોહરત લઈ લીધી ને
વગર વરસાદે કસતી થઇ ગઈ,,,,,
સો નું બંડલ જેની પાસે
આજ એ મોટી હસ્તી થઇ ગઈ,,,,,
જેણે જાજા ભેગા કર્યા
અક્કલ એની ખસતી ગઈ,,,
હસ્તી જે મોટી કહેવાતી
આજ એ ટાંટિયા ઘસતી થઇ ગઈ........!!!!!
🌹
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मुझे लड्डू दोनों हाथ चाहिये।
बिजली मैं बचाऊँगा नहीं,
बिल मुझे कम चाहिये ।
पेड़ मैं लगाऊँगा नहीं,
मौसम मुझको नम चाहिये।
शिकायत मैं करूँगा नहीं,
कार्रवाई तुरंत चाहिये ।
बिना लिए कुछ काम न करूँ,
भ्रष्टाचार का अंत चाहिये ।
पढ़ने को मेहनत न बाबा,
नौकरी लालीपाॅप चाहिये।
घर-बाहर कूड़ा फेकूं,
शहर मुझे साफ चाहिये ।
काम करूँ न धेले भर का,
वेतन लल्लनटाॅप चाहिये ।
एक नेता कुछ बोल गया सो
मुफ्त में पंद्रह लाख चाहिये।
लाचारों वाले लाभ उठायें,
फिर भी ऊँची साख चाहिये।
लोन मिले बिल्कुल सस्ता,
बचत पर ब्याज बढ़ा चाहिये।
धर्म के नाम रेवडियां खाएँ,
पर देश धर्मनिरपेक्ष चाहिये।
जाती के नाम पर वोट दे,
अपराध मुक्त राज्य चाहिए।
मैं भारत का नागरिक हूँ ,
मुझे लड्डू दोनों हाथ चाहिय।
It's time to change ourselves
👍🏽👌🏼👍🏽👌🏼👍🏽👌🏼👍🏽
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मुद्रा माटी हो गई, मोदी भए कुम्हार।
नेता मिलि के रो रहे, ऐसा हुआ प्रहार।।
दीदी गुर्राए यहाँ, वहाँ बहन जी रोय।
उधर केजरी दंग है; क्यों हमको मोदी धोय।।
दीदी जीजा धुल गए, धरे रह गए ठाठ।
मोदी ऐसा धो रहा, खड़ी हो गई खाट।।
नए नोट कब मिल सकैं, जोह रहे सब बाट।
भौतन को चिंता लग रही, कैसे होंगे अब ठाठ!
सीट बेंचि के पाये थे, रुपैया कछु करोड़।
क्षण भर में माटी भये, दिया हौसला तोड़।।
माया की माया गई , दिये मुलायम रोय।
इह झटके का अब यहाँ इलाज न होगा कोय।।
रहिमन रद्दी हो गई, बड़ी करेन्सी नोट।
यूपी औ पंजाब में कइसे मिलिही वोट।।
रहिमन आँखन ना दिखे, भीतर लागी चोट।
रहि रहि गारी दे रहे ,कह मोदी को खोट।।
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કિંમત બિલકુલ સસ્તી થઇ ગઈ,
નોટુમાંથી પસ્તી થઇ ગઈ,,,,,
પાંચ મિનિટ પીએમ શું બોલ્યા
પબ્લિક સાથે મસ્તી થઇ ગઈ,,,,
ડાધીયા કુતરા મ્યાંઉ કરે ને
બિલ્લી સઘળી ભસ્તી થઇ ગઈ,,,,
દોલત શોહરત લઈ લીધી ને
વગર વરસાદે કસતી થઇ ગઈ,,,,,
સો નું બંડલ જેની પાસે
આજ એ મોટી હસ્તી થઇ ગઈ,,,,,
જેણે જાજા ભેગા કર્યા
અક્કલ એની ખસતી ગઈ,,,
હસ્તી જે મોટી કહેવાતી
આજ એ ટાંટિયા ઘસતી થઇ ગઈ........!!!!!
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